Notice: Only variables should be assigned by reference in /home/u902284244/domains/boltagaon.glovis.in/public_html/templates/ts_news247/html/com_k2/templates/default/item.php on line 14
Print this page

20 दिसम्बर को पशुपालक ग्रामीणों, स्वसहायता समूहों और गौठानों को ऑनलाइन जारी करेंगे 3.93 करोड़ रूपए: CM भूपेश बघेल Featured

बोलता गांव डेस्क।। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम में पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 3 करोड़ 93 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे। जिसमें एक दिसम्बर  से 15 दिसम्बर तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2 करोड़ 63 लाख रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों को 79 लाख और महिला समूहों को 51 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।

 
मुख्यमंत्री इस अवसर पर गौठान मेप एप का भी शुभारंभ करेंगे। इस ऐप के माध्यम से गौठान में संचालित समस्त गतिविधियों जैसे गोबर खरीदी भुगतान, गौठान से जुड़ी महिला स्व सहायता समूह की आय मूलक गतिविधियों के तहत उत्पादित सामग्री, दर एवं विक्रय की अद्यतन जानकारी मिल सकेगी।


यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में ग्रामीणों से 2 रूपए की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में इस योजना की शुरूआत 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व से हुई थी। 20 जुलाई 2020 से लेकर 15 दिसम्बर 2021 तक की स्थिति में 58.32 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, जिसके एवज में गोबर बेचने वालों को अब तक 114 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। गौठानों में गोबर से महिला स्व-सहायता समूह बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं। 


महिला समूहों द्वारा गौठानों में अब तक 9 लाख 69 हजार क्विंटल  वर्मी कम्पोस्ट तथा 4 लाख 21 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर प्रदाय किया जा रहा है। महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 48 करोड़ 20 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 9321 महिला स्व सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या लगभग 67,272 है। गौठानों से जुड़ने और गोधन न्याय योजना से महिला समूहों में स्वावलंबन के प्रति एक नया आत्मविश्वास जगा है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है। गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए कुमारप्पा नेशनल पेपर इंस्टिट्यूट जयपुर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड एवं छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के मध्य एमओयू हो चुका है। 


राज्य में गोधन के संरक्षण और सर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबंध है। राज्य में अब तक 10584 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 7836 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं। जिसमें से 2029 गौठान आज की स्थिति में स्वावलंबी हो चुके हैं। गोधन न्याय योजना से लगभग 2 लाख ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45 प्रतिशत संख्या महिलाओं की हैं। इस योजना से 89 हजार 892 भूमिहीन परिवार भी लाभान्वित हो रहे हैं।

 


Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u902284244/domains/boltagaon.glovis.in/public_html/templates/ts_news247/html/com_k2/templates/default/item.php on line 295
Rate this item
(0 votes)
BOLTA GAON DESK

Latest from BOLTA GAON DESK

Related items