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यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट्स का बुरा हाल: यूक्रेन से पोलैंड ले जाने की तैयारी: रायपुर-बिलासपुर के स्टूडेंट्स फंसे, कहा- रूसी फौज का सड़क पर कब्जा; बम धमाकों से थर्रा... Featured

बोलता गांव डेस्क।। यूक्रेन का हाल बयां करते छात्रों का एक और वीडियो सामने आया है। रायपुर के स्टूडेंट अक्षत राज और बिलासपुर के रहने वाले रोहन बासन ने दैनिक भास्कर से यूक्रेन में युद्ध के बीच फंसे स्टूडेंट्स की जानकारी साझा की है। हर तरफ चीख पुकार के बीच खारकीव शहर में एक यूनिवर्सिटी की बेसमेंट में बनी मेस और बंकर के भीतर 1 हजार से अधिक छात्र छिपे हुए हैं। इसी इलाके की अलग-अलग इमारतों में छत्तीसगढ़ के भी 100 से अधिक छात्र हैं।

 

रायपुर के राजेंद्र नगर के रहने वाले अक्षत राज पिछले साल ही एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए हुए थे। खारकीव नेशनल मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे अक्षत ने बताया कि इस शहर के आउटर एरिया में रूस की एयर फोर्स लगातार बमबारी कर रही है। बम के धमाके और वाइब्रेशन यूनिवर्सिटी की मेस और बेसमेंट में बने बंकर में महसूस किए जा सकते हैं। अक्षत ने बताया कि फिलहाल सभी स्टूडेंट सुरक्षित हैं।

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बाहर वो बम पड़े हैं जो फटे नहीं

बिलासपुर के रहने वाले रोहन बासन ने बताया कि बाहर हाईवे को रशियन फौजों ने अपने कब्जे में ले लिया है। लोगों का बाहर निकल पाना सुरक्षित नहीं है। सड़कों पर कुछ ऐसे बम पड़े हैं जो फट नहीं पाए, ऐसे में सभी को खतरा महसूस हो रहा है। रोहन ने बताया कि यहां हम ये भी सुन रहे हैं कि पेट्रोल और फूड सप्लाई सिर्फ 1 सप्ताह तक की ही बची है। उन्होंने कहा कि हम प्रार्थना कर रहे हैं कि हम सुरक्षित रहें।

 

स्टूडेंट्स को पोलैंड ले जाने की तैयारी

खारकीव में स्थानीय प्रशासन और यूनिवर्सिटी के लोग स्टूडेंट्स को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अक्षत ने बताया कि सभी छात्रों को पोलैंड ले जाने की कोशिश है, पोलैंड देश की सीमाओं को स्टूडेंट के लिए खोल दिया गया है । वहां से सभी को सुरक्षित भारत ले जाने की बात कही जा रही है, मगर बाहर के हालात की वजह से स्टूडेंट्स का यहां से रवाना हो पाना मुमकिन नहीं है। फिलहाल इस मेस और बंकर में ही बच्चे सुरक्षित हैं। पोलैण्ड बॉर्डर जाने के लिए बच्चों को खारकीव से 12 घंटे का सफर पूरा करना होगा।

 

 

वालंटियर बनकर कर रहे सहयोग

अक्षत और बिलासपुर के रोहन यूक्रेन में इस युद्ध के हालात के बीच भी अपने साथियों की मदद कर रहे हैं। अक्षत में बताया कि हम कोशिश करते हैं यूनिवर्सिटी के लोगों की मदद कर पाएं। हम मेस में सफाई और खाने के बंदोबस्त को देख रहे हैं, सभी को खाना मिले इस काम को हम वॉलेंटियर्स बनकर कर रहे हैं। सभी स्टूडेंट्स का हाल-चाल ले रहे हैं, हम चाहते हैं कि सुरक्षित तरीके से हम भारत और छत्तीसगढ़ लौट पाएं।

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