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अलविदा मिल्खा सिंह: वह पहला सुपरस्टार जो दौड़ता नहीं, उड़ता था Featured

भारतीय खेल का जब भी जिक्र होगा मिल्खा सिंह का नाम सबसे ऊपर की लिस्ट में लिखा जाएगा। वह देश के पहले ट्रैंक ऐंड फील्ड सुपर स्टार थे। मिल्खा सिंह ने शुक्रवार रात को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली। मिल्खा सिंह के करियर का सबसे खास लम्हा तब आया जब 1960 के रोम ओलिंपिक में पदक से चूक गए थे।भारतीय खेल का जब भी जिक्र होगा मिल्खा सिंह का नाम सबसे ऊपर की लिस्ट में लिखा जाएगा। वह देश के पहले ट्रैंक ऐंड फील्ड सुपर स्टार थे। मिल्खा सिंह ने शुक्रवार रात को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली। मिल्खा सिंह के करियर का सबसे खास लम्हा तब आया जब 1960 के रोम ओलिंपिक में पदक से चूक गए थे।

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200 मीटर और 400 मीटर के नैशनल रेकॉर्ड

200 मीटर और 400 मीटर के नैशनल रेकॉर्डमिल्खा सिंह ने 1956 के मेलबर्न ओलिंपिक में बिलकुल रॉ टैलंट के रूप में पहुंचे। उस साल उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। लेकिन आने वाले वर्षों में मिल्खा ने न सिर्फ खुद को निखारा और तराशा बल्कि कई रेकॉर्ड भी अपने नाम किए। 200 मीटर और 400 मीटर के नैशनल रेकॉर्ड मिल्खा के नाम थे। हालांकि मिल्खा सिर्फ रोम ओलिंपिक के कारण ही महान नहीं थे। भारतीय ट्रैंक ऐंड फील्ड में मिल्खा की उपलब्धियां काफी अधिक हैं।

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एशिया में चलता था मिल्खा का सिक्का

एशिया में चलता था मिल्खा का सिक्कामिल्खा सिंह की पहचान एक ऐसे ऐथलीट के रूप में थी जो बेहद जुनूनी और समर्पित ऐथलीट के रूप में थी। 1958 के तोक्यो एशियन गेम्स में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया। मेलबर्न ओलिंपिक में मिल्खा फाइनल इवेंट के लिए क्वॉलिफाइ नहीं कर पाए थे। लेकिन उनमें आगे बढ़ने की तलब थी। उन्होंने अमेरिका के चार्ल्स जेनकिंस से बात की। जेनकिंस 400 मीटर और 4x400 मीटर रिले के गोल्ड मेडलिस्ट थे। उन्होंने जेनकिंस से पूछा कि वह कैसे ट्रेनिंग करते हैं। उनका रूटीन क्या है। जेनकिंस ने बड़ा दिल दिखाते हुए मिल्खा के साथ सारी बातें साझा कीं।

 

एशियन गेम्स में बनाया था नैशनल रिकॉर्डएशियन गेम्स में बनाया था नैशनल रिकॉर्डमिल्खा की उम्र तब 27 साल थी। अगले दो साल वह बड़ी शिद्दत के साथ जेनकिंस के रूटीन पर चले। इसका फायदा भी हुआ। मिल्खा ने 1958 के एशियन गेम्स में नैशनल रेकॉर्ड बनाया। मिल्खा सिंह को 400 मीटर की दौड़ बहुत भाती थी। यहां उन्होंने 47 सेकंड में गोल्ड मेडल हासिल किया। सिल्वर मेडल जीतने वाले पाब्लो सोमब्लिंगो से करीब दो सेकंड कम वक्त लिया था मिल्खा सिंह ने।

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मिल्खा के नाम 10 एशियन गोल्ड

मिल्खा के नाम 10 एशियन गोल्डहालांकि एशियन गेम्स के 400 मीटर के फाइनल के दिन मिल्खा ने फिर सोने का तमगा जीता और युवा साथी को आधे सेकंड के अंतर से मात दी। यह जोड़ी 4x400 मीटर की टीम में साथ आई। इनके साथ दलजीत सिंह और जगदीश सिंह बी थे। इन्होंने एशियन गेम्स का रेकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 3:10.2 सेकंड का समय लिया। इस तरह मिल्खा के नाम कुल 10 एशियन गोल्ड मेडल हो गए।

 

उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,भूपेश बघेल,सचिन तेंडुलकर,फरहान अख़्तर ने ट्वीट किया

https://twitter.com/narendramodi/status/1405962664442949635?s=20

https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1406118771220119556?s=20

https://twitter.com/sachin_rt/status/1406081826095984640?s=20

https://twitter.com/FarOutAkhtar/status/1406070061241040900?s=20


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