Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

1521 आत्मसमर्पणों के साथ नक्सल नीति बनी बदलाव का माध्यम

  रायपुर 13 जुलाई 2025/छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों में बदलाव की बयार बह रही है। बस्तर बदल रहा है, बंदूकें थम रही हैं और लोकतंत्र की लौ अब हर क...

यह भी पढ़ें :-

 


रायपुर 13 जुलाई 2025/छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों में बदलाव की बयार बह रही है। बस्तर बदल रहा है, बंदूकें थम रही हैं और लोकतंत्र की लौ अब हर कोने में जल रही है। इसी परिवर्तनशील वातावरण में आज सुकमा जिले में ₹1.18 करोड़ के इनामी 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन्हें  मिलाकर पिछले 24 घंटों में कुल 45 नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास जताया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अभूतपूर्व घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल आत्मसमर्पण नहीं है, बल्कि विश्वास की उस जीत का प्रतीक है, जो हमारी सरकार ने 'नियद नेल्ला नार' जैसी जनउन्मुख योजनाओं के माध्यम से गाँव-गाँव तक पहुँचाया है। अब यहां बंदूक की गोली नहीं, विकास की बोली सुनाई दे रही है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पिछले 15 महीनों में 1521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की पहुंच और विश्वास निरंतर बढ़ा है। यह सफलता राज्य सरकार की ‘नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ की सकारात्मकता को भी दर्शाती है, जिसके तहत हथियार छोड़ने वाले नक्सलियों को न केवल सामाजिक सम्मान, बल्कि पुनर्वास और आजीविका का अवसर भी दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह परिवर्तन यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में चल रहे सुशासन के विजन का सजीव उदाहरण है।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारा प्रदेश तय समय-सीमा के भीतर नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होगा और बस्तर क्षेत्र का प्रत्येक नागरिक विकास की मुख्यधारा से जुड़ेगा।

No comments